गणेश जी के प्रिय मोदक – कहानी के साथ

गणेश जी के प्रिय मोदक – कहानी के साथ

जैसे ही गणेश जी की आरती घर में होती, बच्चों की आंखें मोदक की तरफ चमक उठतीं। मोदक, जो सिर्फ मिठाई नहीं, बल्कि भगवान को प्रसन्न करने का प्रतीक है। आज मैं आपको वही खास मोदक बनाना सिखाऊँगी, जिसे आप घर पर आसानी से बना सकते हैं और परिवार के साथ बांट सकते हैं।

सामग्री:

मोदक का आटा:

1 कप चावल का आटा

1 कप पानी

1 छोटा चमच घी

भरावन (मिठास का जादू):

1 कप ताजा नारियल, कद्दूकस किया हुआ

1/2 कप गुड़ (छोटे टुकड़ों में कटा हुआ)

1/4 छोटा चमच इलायची पाउडर

1 छोटा चमच घी

 

बनाने की विधि:

1. आटे की तैयारी:
एक पैन में 1 कप पानी उबालें। इसमें 1 छोटा चमच घी डालें। जैसे ही पानी उबलने लगे, उसमें चावल का आटा धीरे-धीरे मिलाएँ। लगातार चलाते रहें ताकि आटा गुठली न बने। आटे को नरम और चिकना होने दें।

2. भरावन की मिठास:
एक कड़ाही में 1 छोटा चमच घी गरम करें। उसमें नारियल डालें और हल्का भूनें। फिर गुड़ डालें और अच्छे से मिलाएँ। गुड़ पूरी तरह घुल जाए और मिश्रण गाढ़ा हो जाए। अंत में इलायची पाउडर डालें और खुशबू का जादू फैलाएँ।

3. मोदक का आकार देना:
आटे की छोटी-छोटी लोइयां बनाएं। हथेली से गोल और पतली बेस तैयार करें। बीच में भरावन रखें और किनारों को उठाकर मोदक की सुंदर आकृति दें।

4. स्टीम करना:
स्टीमर में पानी उबालें। मोदक को स्टीमर में रखें और 10–12 मिनट तक स्टीम करें। मोदक हल्के पारदर्शी और नरम दिखाई देंगे।

5. परोसना:
गरमागरम मोदक को घी से हल्का ग्रीस किए हुए प्लेट में रखें। बच्चों की खुशी और भगवान की प्रसन्नता के बीच, मोदक का असली महत्व दिखाई देता है।

टिप्स और कहानी:

आप चाहें तो भरावन में सूखे मेवे जैसे काजू और किशमिश डाल सकते हैं।

मोदक को ताजा ही खाएं, क्योंकि ज्यादा देर तक रखने पर स्वाद कम हो सकता है।

आटे को बहुत पतला न बनाएं, नहीं तो मोदक खुल सकते हैं।

हर मोदक सिर्फ मिठाई नहीं, बल्कि एक कहानी, परंपरा और प्रेम का प्रतीक है। इसे बनाते समय बच्चों के साथ जुड़ें और अपने घर में गणेश जी की खुशियों को महसूस करें।

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